पेरेस्थीसिया: एक परिचय
पेरेस्थीसिया के लक्षण पेरेस्थीसिया के मुख्य लक्षण
पेरेस्थीसिया के कारण पेरेस्थीसिया के संभावित कारण
कारण विवरण
पेरेस्थीसिया का निदान पेरेस्थीसिया का निदान कैसे होता है?
न्यूरोलॉजिकल एग्ज़ामिनेशन
ब्लड टेस्ट (Vitamin B12, शुगर लेवल)
MRI या CT स्कैन (अगर कोई गंभीर न्यूरोलॉजिकल कारण हो)
EMG (Electromyography) और Nerve Conduction Test
इलाज के तरीके इलाज कैसे किया जाता है?
कब डॉक्टर से संपर्क करें? कब डॉक्टर से संपर्क करें?
पेरेस्थीसिया (Paresthesia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को त्वचा पर झुनझुनी, चुभन, सुन्नता या रेंगने जैसी अनुभूति होती है। यह समस्या हाथ, पैर, उंगलियों या शरीर के अन्य हिस्सों में हो सकती है। कभी-कभी यह लक्षण अस्थायी होते हैं, जैसे लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने पर। लेकिन यदि ये लक्षण लगातार बने रहें, तो यह किसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या का संकेत हो सकते हैं।
आज हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
पेरेस्थीसिया के लक्षण पेरेस्थीसिया के मुख्य लक्षण
- झुनझुनी (Tingling sensation): जैसे सुइयां चुभ रही हों।
- चुभन या जलन: तेज चुभन या गर्माहट महसूस होना।
- रेंगने जैसा एहसास: जैसे कोई कीड़ा त्वचा पर चल रहा हो।
- सुन्नता (Numbness): छूने पर कुछ भी महसूस न होना।
- कमज़ोरी या भारीपन: अंगों को हिलाने-डुलाने में कठिनाई होना।
पेरेस्थीसिया के कारण पेरेस्थीसिया के संभावित कारण
कारण विवरण
नसों पर दबाव | एक ही मुद्रा में लंबे समय तक बैठे या लेटे रहने पर। |
स्नायु विकार (Neuropathy) | जैसे डायबिटिक न्यूरोपैथी। |
सर्वाइकल या स्पाइनल डिस्क की समस्या | गर्दन या रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ना। |
विटामिन की कमी | खासकर विटामिन B12 की कमी से। |
माइग्रेन या स्ट्रोक | कभी-कभी झुनझुनी इन बीमारियों का भी संकेत हो सकती है। |
ऑटोइम्यून रोग | जैसे मल्टिपल स्क्लेरोसिस। |
टॉक्सिन्स या दवाइयों के साइड इफेक्ट | कुछ दवाएं नसों को प्रभावित कर सकती हैं। |
पेरेस्थीसिया का निदान पेरेस्थीसिया का निदान कैसे होता है?
इलाज के तरीके इलाज कैसे किया जाता है?
इलाज का तरीका इस बात पर निर्भर करता है कि पेरेस्थीसिया का कारण क्या है:
- विटामिन की कमी: सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं।
- डायबिटीज: शुगर लेवल कंट्रोल किया जाता है।
- नस पर दबाव: फिजियोथेरेपी और सही पोजिशनिंग से राहत मिलती है।
- दवाइयां: न्यूरोपैथिक पेन के लिए गैबापेंटिन जैसी दवाएं दी जाती हैं।
कब डॉक्टर से संपर्क करें? कब डॉक्टर से संपर्क करें?
- लक्षण 1–2 दिन से अधिक समय तक बने रहें।
- झुनझुनी के साथ मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो।
- अचानक बोलने, देखने या चलने में परेशानी हो।
- सिरदर्द या चक्कर के साथ पेरेस्थीसिया हो।
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